
अरकू वैली में प्रवेश करते ही अनंतगिरि पर्वतश्रृंखला में फैली कॉफ़ी की खुशबू पर्यटकों का खुले दिल से स्वागत करती है। लगभग तीन हज़ार फ़ीट से साढ़े तीन हज़ार फ़ीट की ऊंचाई वाली अनंतगिरि पर्वतश्रृंखला पर लगभग बीस हज़ार हैक्टेयर में फैले कॉफ़ी के बागान जहाँ एक और बेहतरीन आर्गेनिक कॉफ़ी की पैदावार करते हैं वहीं दूसरी और यहाँ के आदिवासियों को पूरे वर्ष भर रोजगार भी प्रदान करते हैं। यहाँ पर अरेबिका कॉफ़ी की विभिन्न किस्मों की खेती की जाती है। कॉफ़ी की यह खेती पर्यावरण के संरक्षण में भी बहुत मददगार है, कारण यह है कि आदिवासियों की कई जनजातियाँ परंपरागत तौर पर झूम खेती करते हैं जिसे स्थानीय भाषा में पोडू के नाम से जाना जाता है। पोडू के लिए हर बार नए वृक्षों को काटने के बाद जलाकर खेती लायक जमीन तैयार की जाती है जिससे जंगल तेजी से नष्ट होते हैं जिसे कॉफ़ी की खेती ने काफी हद तक रोक दिया है।
आप भी काफ़ी के बागानों में जाकर कॉफ़ी की बेरीज को पास से देख व महसूस कर सकते हैं। अनंतगिरि की पहाड़ियों में तोता भी बहुतायत में पाया जाता है जो अपनी मधुर आवाज से पूरे वातावरण को संगीतमय बना देता है।
-सचिन देव शर्मा